Thursday, 21 September 2017

राशि अनुसार देवी उपासना मंत्र

मां भगवती की स्तुति अपनी राशि के अनुसार
🌐Grahraj Astrology🌐
मेष-( 'ऐं क्लीं सौं' )मन्त्र से एक माला का नित्य नौ दिनों तक जाप करने लाभ मिलेगा।

वृषभ( 'ऐं क्लीं श्रीं' )मन्त्र से एक माला का नित्य जाप करने से घर में सुख व समृद्धि बनी रहेगी।

मिथुन-( 'क्लीं ऐं सौं' )मन्त्र से दो माला नित्य जाप करने से सर्वबाधाओं से मुक्ति मिलती है।

कर्क-( 'ऐं क्लीं श्रीं' )मन्त्र से एक माला नित्य जाप करने से कार्यो में सफलता मिलेगी।

सिंह-( 'ह्रीं श्रीं सौं') मन्त्र से एक माला रोज जाप करने से मनोकामनाओं की पूर्ति होगी।

कन्या-( 'श्रीं ऐं सौं' )मन्त्र से नित्य दो माला जाप करने से आर्थिक स्थिति सुदृढ़ बनी रहेगी।

तुला- ('ह्रीं क्लीं श्रीं' )मन्त्र से प्रतिदिन एक माला का जाप करने से धन में वृद्धि होगी।
🌐Grahraj Astrology🌐
वृश्चिक-( 'ऐं क्लीं सौं' )मन्त्र से रोज एक माला जाप करने से घर में मॉगलिक कार्य सम्पन्न होंगे।

धन( 'ह्रीं क्लीं सौं' )मन्त्र से नित्य नौ दिनों तक एक माला जाप करने से परिवार की प्रगति होगी।

मकर- ('क्लीं ह्रीं श्रीं सौं' )मन्त्र से प्रतिदिन दो माला जाप करने से सम्बन्धों में मधुरता आयेगी एंव धन में वृद्धि होगी।

कुम्भ-( 'ह्रीं ऐं क्लीं श्रीं' )मन्त्र से नित्य एक माला जाप करने से सन्तान का सुख मिलेगा एंव रूके हुये कार्य सम्पन्न होंगे।
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मीन-( 'ह्रीं क्लीं सौं' )मन्त्र से प्रतिदिन नौं दिनों तक एक माला जाप करने से मॉ भगवती प्रसन्न होकर सदा सहाय बनी रहती है।
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*देवी का ध्यान मंत्र*
देवी प्रपन्नार्तिहरे प्रसीद प्रसीद मातर्जगतोsखिलस्य।
प्रसीद विश्वेतरि पाहि विश्वं त्वमीश्चरी देवी चराचरस्य।

इस प्रकार भगवती से प्रार्थना कर भगवती के शरणागत हो जाएं। देवी कई जन्मों के पापों का संहार कर भक्त को तार देती है। वही जननी सृष्टि की आदि, अंत और मध्य है।

देवी से प्रार्थना करें: *शरणागत-दीनार्त-परित्राण-परायणे! सर्वस्यार्तिंहरे देवि! नारायणि! नमोऽस्तुते॥*

सर्वकल्याण एवं शुभार्थ प्रभावशाली माना गया हैः सर्व मंगलं मांगल्ये शिवे सर्वाथ साधिके। शरण्येत्र्यंबके गौरी नारायणि नमोस्तुऽते॥

*बाधा मुक्ति एवं धन-पुत्रादि प्राप्ति के लिएः*
सर्वाबाधा विनिर्मुक्तो धन-धान्य सुतान्वितः। मनुष्यों मत्प्रसादेन भवष्यति न संशय॥
🌐Grahraj Astrology🌐
सर्वबाधा शांति के लिएः सर्वाबाधा प्रशमनं त्रैलोक्यस्याखिलेश्वरि। एवमेव त्वया कार्यमस्मद्दैरिविनाशनम्।।

*आरोग्य एवं सौभाग्य प्राप्ति के लिए इस चमत्कारिक फल देने वाले मंत्र को स्वयं देवी दुर्गा ने देवताओं को दिया हैः* देहि सौभाग्यं आरोग्यं देहि में परमं सुखम्‌। रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषोजहि॥

अर्थातः शरण में आए हुए दीनों एवं पीडि़तों की रक्षा में संलग्न रहने वाली तथा सब की पीड़ा दूर करने वाली नारायणी देवी! तुम्हें नमस्कार है। देवी से प्रार्थना कर अपने रोग, अंदरूनी बीमारी को ठीक करने की प्रार्थना भी करें। ये भगवती आपके रोग को हरकर आपको स्वस्थ कर देंगी।

*विपत्ति नाश के लिएः* शरणागतर्दनार्त परित्राण पारायणे। सर्व स्यार्ति हरे देवि नारायणि नमोऽतुते॥

*मोक्ष प्राप्ति के लिएः*
त्वं वैष्णवी शक्तिरनन्तवीर्या। विश्वस्य बीजं परमासि माया।। सम्मोहितं देवि समस्तमेतत्। त्वं वैप्रसन्ना भुवि मुक्त हेतु:।।
🌐Grahraj Astrology🌐
*शक्ति प्राप्ति के लिएः* सृष्टिस्थितिविनाशानां शक्तिभूते सनातनि। गुणाश्रये गुणमये नारायणि नमोह्यस्तु ते।।

अर्थातः तुम सृष्टि, पालन और संहार की शक्ति भूता, सनातनी देवी, गुणों का आधार तथा सर्वगुणमयी हो। नारायणि! तुम्हें नमस्कार है।

*रक्षा का मंत्रः*
शूलेन पाहि नो देवि पाहि खड्गेन चाम्बिके। घण्टास्वनेन न: पाहि चापज्यानि: स्वनेन च।।

अर्थातः देवी! आप शूल से हमारी रक्षा करें। अम्बिके! आप खड्ग से भी हमारी रक्षा करें तथा घण्टा की ध्वनि और धनुष की टंकार से भी हमलोगों की रक्षा करें।

*रोग नाश का मंत्रः* रोगानशेषानपहंसि तुष्टा रुष्टा तु कामान सकलानभीष्टान्। त्वामाश्रितानां न विपन्नराणां त्वामाश्रिता हाश्रयतां प्रयान्ति।

अर्थातः देवी! तुम प्रसन्न होने पर सब रोगों को नष्ट कर देती हो और कुपित होने पर मनोवांछित सभी कामनाओं का नाश कर देती हो। जो लोग तुम्हारी शरण में जा चुके है। उनको विपत्ति तो आती ही नहीं। तुम्हारी शरण में गए हुए मनुष्य दूसरों को शरण देने वाले हो जाते हैं।

*दु:ख-दारिद्र नाश के लिएः*
दुर्गे स्मृता हरसि भीतिमशेषजन्तो:।
स्वस्थै स्मृता मतिमतीव शुभां ददासि।। द्रारिद्र दु:ख भयहारिणि का त्वदन्या। सर्वोपकारकारणाय सदाह्यद्र्रचिता।।

ऐश्वर्य, सौभाग्य, आरोग्य, संपदा प्राप्ति एवं शत्रु भय मुक्ति-मोक्ष के लिएः ऐश्वर्य यत्प्रसादेन सौभाग्य-आरोग्य सम्पदः। शत्रु हानि परो मोक्षः स्तुयते सान किं जनै॥

*भय नाशक दुर्गा मंत्रः*
सर्व स्वरूपे सर्वेशे सर्वशक्ति समन्विते, भयेभ्यास्त्रहिनो देवी दुर्गे देवी नमोस्तुते।

स्वप्न में कार्य सिद्घि-असिद्घि जानने के लिएः दुर्गे देवि नमस्तुभ्यं सर्वकामार्थ साधिके। मम सिद्घिमसिद्घिं वा स्वप्ने सर्व प्रदर्शय।।

अर्थातः शरणागत की पीड़ा दूर करने वाली देवी हम पर प्रसन्न होओ। संपूर्ण जगत माता प्रसन्न होओ। विश्वेश्वरी! विश्व की रक्षा करो। देवी! तुम्ही चराचर जगत की अधिश्वरी हो।

*मां के कल्याणकारी स्वरूप का वर्णनः*
सृष्टिस्थिति विनाशानां शक्तिभूते सनातनि। गुणाश्रये गुणमये नारायणि! नमोऽस्तुते॥

अर्थातः हे देवी नारायणी! तुम सब प्रकार का मंगल प्रदान करने वाली मंगलमयी हो। कल्याणदायिनी शिवा हो। सब पुरुषार्थों को सिद्ध करने वाली शरणागतवत्सला, तीन नेत्रों वाली एवं गौरी हो, तुम्हें नमस्कार है। तुम सृष्टि पालन और संहार की शक्तिभूता सनातनी देवी, गुणों का आधार तथा सर्वगुणमयी हो। नारायणी! तुम्हें नमस्कार है।

इस प्रकार देवी उनकी शरण में जाने वालों को इतनी शक्ति प्रदान कर देती है कि उस मनुष्य की शरण में दूसरे लोग आने लग जाते हैं। देवी धर्म के विरोधी दैत्यों का नाश करने वाली है। देवताओं की रक्षा के लिए देवी ने दैत्यों का वध किया। वह आपके आतंरिक एवं बाह्य शत्रुओं का नाश करके आपकी रक्षा करेगी। आप बारंबार उसकी शरणागत हो एवं स्वरमय प्रार्थना करें।

हे सर्वेश्वरी! तुम तीनों लोकों की समस्त बाधाओं को शांत करो और हमारे शत्रुओं का नाश करती रहो।

*सुचना 📵यह लेख पौराणिक ग्रंथों अथवा मान्यताओं पर आधारित है अत: इसमें वर्णित सामग्री के वैज्ञानिक प्रमाण होने का आश्वासन नहीं दिया जा सकता। विस्तार में आप कार्यालय पर संपर्क कर सकते हैं।*

*📜ग्रहराज ज्योतिष कार्यालय📜*
       छाया चोक्की रोनक कोम्प्लेक्ष
               पोरबंदर-गुजरात
               9727972119
         शास्त्री  एच एच राजगुरू
    *ज्योतिष-वास्तु-धार्मिकपुजा*

hitu9grahgochar@gmail.com
           रविवार एवं सोमवार

       *🙏🏻 हरि: ॐ तत्सत् 🙏🏻*

Tuesday, 19 September 2017

ग्रहराज नवरात्रि विशेष

          सर्व मंगलं मांगल्ये शिवे सर्वाथ साधिके।
          शरण्येत्र्यंबके गौरी नारायणि नमोस्तुऽते॥

*🌐ग्रहराज नवरात्रि विशेष घट स्थापना मुहूर्त 🌐*
शारदीय नवरात्र की शुरुआत होने वाली है। इस साल नवरात्र २१ सितंबर से शुरू हो रही है और ये २९ सितंबर तक चलेगी। नवरात्रि के दौरान मां के भक्त नौ दिन पूजा-अर्चना करते हैं। मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। माना जाता है कि मां अपने भक्तों द्वारा मांगी गई मनोकामनाएं पूरी करती हैं। नवरात्र के दौरान माता के नौ अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है। नवरात्र के पहले दिन घटस्थापना की जाती है इसके बाद लगातार नौ दिनों तक माता की भक्ति में पूजा और उपवास किया जाता है और अष्टमी और नवमी में कन्या पूजा की जाती है।

पंडित शास्त्रीजी एच एच राजगुरू का कहना है कि नवरात्रि का शुभ मुहुर्त गुरुवार २१/०९/२०१७ को प्रात: ०६:०३ am से ०८:२२am
से शुरू हो रहा है।

इसके बाद  में दुसरा मुहूर्त प्रात:
११:३६ am से १२:२४am तक अभिजीत मुहूर्त में घट की स्थापना होगी।

घट स्थापना करते समय कुछ बातों का ध्यान रखने की आवश्यकता है। पंडित शास्त्रीजी एच एच राजगुरू का कहना है कि घट स्थापना घर के उत्तर पूर्व कोने में करनी चाहिए। उत्तर और पूर्व में भी इसकी स्थापना की जा सकती है। लेकिन, घर के दक्षिण और पश्चिम भाग में घट की स्थापना न करें।

शारदीय नवरात्र 2017 में मां के 9 रूपों की पूजा होती है.
- 21 सितंबर 2017 : मां शैलपुत्री की पूजा 
- 22 सितंबर 2017 : मां ब्रह्मचारिणी की पूजा 
- 23 सितंबर 2017 : मां चन्द्रघंटा की पूजा 
- 24 सितंबर 2017 : मां कूष्मांडा की पूजा 
- 25 सितंबर 2017 : मां स्कंदमाता की पूजा 
- 26 सितंबर 2017 : मां कात्यायनी की पूजा 
- 27 सितंबर 2017 : मां कालरात्रि की पूजा
- 28 सितंबर 2017 : मां महागौरी की पूजा 
- 29 सितंबर 2017 : मां सिद्धदात्री की पूजा
- 30 सितंबर 2017: दशमी तिथि, दशहरा

Navratri 9 colors
2017 Navratri Color

1💛Navratri Day 1
September 21, (Thursday)
Navratri color of the day - Yellow

2💚Navratri Day 2
September 22, (Friday)
Navratri color of the day - Green

3💟Navratri Day 3
September 23, (Saturday)
Navratri color of the day - Grey

4🍊Navratri Day 4
September 24, (Sunday)
Navratri color of the day - Orange

5⚪Navratri Day 5
September 25, (Monday)
Navratri color of the day - White

6❤Navratri Day 6
September 26, (Tuesday)
Navratri color of the day - Red

7💙Navratri Day 7
September 27, (Wednesday)
Navratri color of the day - Royal Blue

8💗Navratri Day 8
September 28, (Thursday)
Navratri color of the day - Pink

9💜Navratri Day 9
September 29, (Friday)
Navratri color of the day - Purple
*🌐- Grahraj Astrology*
सुचना 📵यह लेख पौराणिक ग्रंथों अथवा मान्यताओं पर आधारित है अत: इसमें वर्णित सामग्री के वैज्ञानिक प्रमाण होने का आश्वासन नहीं दिया जा सकता। विस्तार में आप कार्यालय पर संपर्क कर सकते हैं।

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     🌐रविवार एवं सोमवार🌐

       *🙏🏻हरि: ॐ तत्सत्🙏🏻*

आपका नवरात्रि महोत्सव आनंद और मंगल बिते
एसी भगवती के चरणावंद शुभ प्रार्थना।

Sunday, 17 September 2017

ग्रहराज श्राद्धपक्ष विशेष २०१७


श्रद्धया दीयते यस्मात् तत् श्राद्धम्।

जिस दिन श्राद्ध करना हो उस दिन श्राद्ध की शुरूआत और समापन में इस मंत्र का जाप करना चाहिए-

देवताभ्‍यः पितृभ्‍यश्‍च महायोगिभ्‍य एव च। नमः स्‍वाहायै स्‍वधायै नित्‍यमेव भवन्‍त्‍युत।।

इस मंत्र का जाप श्राद्ध के दौरान किया जाता है तो आयु लंबी होती है. निरोग रहते हैं, श्रेष्‍ठ संतानोत्पति होती है साथ ही सभी इच्‍छाएं पूर्ण होती है।

सरल शब्दों में समझा जाए तो श्राद्ध दिवंगत परिजनों को उनकी मृत्यु की तिथि पर श्रद्धापूर्वक याद किया जाना है। अगर किसी परिजन की मृत्यु प्रतिपदा को हुई हो तो उनका श्राद्ध प्रतिपदा के दिन ही किया जाता है। इसी प्रकार अन्य दिनों में भी ऐसा ही किया जाता है। इस विषय में कुछ विशेष मान्यता भी है जो निम्न हैं:
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* पिता का श्राद्ध अष्टमी के दिन और माता का नवमी के दिन किया जाता है।
* जिन परिजनों की अकाल मृत्यु हुई जो यानि किसी दुर्घटना या आत्महत्या के कारण हुई हो उनका श्राद्ध चतुर्दशी के दिन किया जाता है।
* साधु और संन्यासियों का श्राद्ध द्वाद्वशी के दिन किया जाता है।
* जिन पितरों के मरने की तिथि याद नहीं है, उनका श्राद्ध अमावस्या के दिन किया जाता है।  इस दिन को सर्व पितृ श्राद्ध कहा जाता है।

कैसे करें श्राद्ध और कैसे दें पितरों को तर्पण यह जानने के लिए क्लिक करें
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आइये जानते है की किसका श्राद्ध कौन करे?

पिता के श्राद्ध का अधिकार उसके पुत्र को ही है किन्तु जिस पिता के कई पुत्र हो उसका श्राद्ध उसके बड़े पुत्र, जिसके पुत्र न हो उसका श्राद्ध उसकी स्त्री, जिसके पत्नी नहीं हो, उसका श्राद्ध उसके सगे भाई, जिसके सगे भाई न हो, उसका श्राद्ध उसके दामाद या पुत्री के पुत्र (नाती) को और परिवार में कोई न होने पर उसने जिसे उत्तराधिकारी बनाया हो वह व्यक्ति उसका श्राद्ध कर सकता है।पूर्वजों के लिए किए जाने वाले श्राद्ध शास्त्रों में बताए गए उचित समय पर करना ही फलदायी होता है।
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पितरों की आत्मा की शांति के लिए नीचे बताई गई चीजों को दान करना चाहिए. शास्त्रों में तीन ऋण विशेष बताए गए हैं. देव, ऋषि और पितृ ऋण ये हैं वो तीन ऋण जो बेहद महत्व रखते हैं, श्राद्ध की क्रिया से पितरों का पितृ ऋण उतारा जाता है.

1) तिल दान
2) घी-दूध का दान
3)  अन्नदान
4) वस्त्र दान
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શ્રાદ્ધ પક્ષ સંવત ૨૦૭૩ 
ભાદરવા સુદ ૧૫ બુધવાર તા. ૦૬/૦૯/૨૦૧૭ = એકમનું શ્રાદ્ધ. 
ભાદરવા વદ ૦૧ ગુરુવાર તા. ૦૭/૦૯/૨૦૧૭ = બીજનું શ્રાદ્ધ.
ભાદરવા વદ ૦૨ શુક્રવાર તા. ૦૮/૦૯/૨૦૧૭ ત્રિજનું શ્રાદ્ધ. 
ભાદરવા વદ ૦૩ શનિવાર તા. ૦૯/૦૯/૨૦૧૭ ચોથનું શ્રાદ્ધ. 
ભાદરવા વદ ૦૪ રવિવાર તા. ૧૦/૦૯/૨૦૧૭ પાચમનું શ્રાદ્ધ / પાચમ નો ક્ષય છે.
ભાદરવા વદ ૦૬ સોમવાર તા. ૧૧/૦૯/૨૦૧૭ છઠનું શ્રાદ્ધ.  
ભાદરવા વદ ૦૭ મંગળવાર તા. ૧૨/૦૯/૨૦૧૭ સાતમનું શ્રાદ્ધ. 
ભાદરવા વદ ૦૮ બુધવાર તા. ૧૩/૦૯/૨૦૧૭ આઠમનું શ્રાદ્ધ.  
ભાદરવા વદ ૦૯ ગુરુવાર તા. ૧૪/૦૯/૨૦૧૭ નોમનુ શ્રાદ્ધ અવિધવા નવમી શ્રાદ્ધ.
ભાદરવા વદ ૧૦ શુક્રવાર તા. ૧૫/૦૯/૨૦૧૭ દસમનું શ્રાદ્ધ  એકાદશીનું શ્રાદ્ધ. 
ભાદરવા વદ ૧૧ શનિવાર તા. ૧૬/૦૯/૨૦૧૭ એકાદશીનું શ્રાદ્ધ. ઇન્દિરા એકાદશી.  
ભાદરવા વદ ૧૨ રવિવાર તા. ૧૭/૦૯/૨૦૧૭ બારશનું શ્રાદ્ધ અને તેરશનું શ્રાદ્ધ.
ભાદરવા વદ ૧૩ સોમવાર તા. ૧૮/૦૯/૨૦૧૭ ચૌદશનું શ્રાદ્ધ, શસ્ત્રોથી મરેલાનું શ્રાદ્ધ.  
ભાદરવા વદ ૧૪ મંગળવાર તા. ૧૯/૦૯/૨૦૧૭ સર્વ પિતૃ અમાસ પુનમનું શ્રાદ્ધ અને અમાસનું શ્રાદ્ધ. 
ભાદરવા વદ ૩૦ શુક્રવાર તા. ૨૦/૦૯/૨૦૧૬ માતામહનું શ્રાદ્ધ. (નાનાનું શ્રાદ્ધ)
આસો સુદ ૦૧ ગુરુવાર તા.૨૧/૦૯/૨૦૧૭ શારદીય નવરાત્રિ પ્રારંભ ઘટ સ્થાપન.
શ્રાદ્ધ પક્ષમાં રોજ સવારે પિતૃ સ્તવન નો પાઠ કરવો  / પિંડદાન અને પિતૃતર્પણ   જેથી પિતૃદેવો ની અસિમ કૃપા હમેશા વરસતી રહેશે.

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       *🙏🏻हरि: ॐ तत्सत्🙏🏻*

Wednesday, 13 September 2017

गुरु ग्रह राशि परिवर्तन

*ग्रह राशि परिवर्तन*
Grahraj Astrology
*तुला राशि में गुरु का गोचर*

वैदिक ज्योतिष में बृहस्पति देव को समस्त देवताओं का गुरु माना जाता है और इसी कारण गुरु को शुभ ग्रह की संज्ञा दी जाती है। *गुरु के प्रभाव से कार्य में उन्नति, स्वास्थ्य लाभ, मजबूत आर्थिक स्थिति, विवाह और संतान सुख आदि मामलों में शुभ फल की प्राप्ति होती है।* गुरु धनु व मीन राशि का स्वामी होता है। सूर्य, चंद्रमा व मंगल से गुरु के घनिष्ठ संबंध हैं तो वहीं बुध और शुक्र ग्रह इसके शत्रु हैं एवं शनि के साथ गुरु सम व्यवहार रखता है। कर्क राशि में गुरु ग्रह उच्च भाव में जबकि मकर राशि में नीच भाव में होता है।

*🌐Grahraj Astrology🌐*
बृहस्पति ग्रह *12 सितंबर 2017* को मंगलवार के दिन तुला राशि में गोचर करने वाला है और गुरुवार *11 अक्टूबर 2018* तक इसी राशि में संचरण करेगा। गुरु के इस गोचर का असर सभी राशियों पर होगा। आइये जानते हैं *आपकी राशि पर क्या होगा इसका प्रभाव...*


*यह राशिफल चंद्र राशि पर आधारित है।*

*मेष*
*बृहस्पति आपकी राशि से सातवें भाव* में प्रवेश करेगा। इस दौरान शादीशुदा जीवन में प्यार बढ़ेगा और अपने पार्टनर के साथ आपके रिश्ते और भी मज़बूत हो जाएंगे। तनाव कम होगा जिस कारण आप मानसिक और शारीरिक दोनों तरीकों से स्वस्थ महसूस करेंगे। पार्टनर के सहयोग से समाज में आपकी छवि सुधरेगी। यदि विदेश में बसने की कोई योजना है तो आपकी ये इच्छा इस अवधि में पूरी हो सकती है। मानसिक स्थिति बेहतर होने से आप अपने फैसले ज़्यादा बेहतर तरीके से ले पाएंगे। वेतन में बढ़ोतरी होगी और आमदनी के कई और साधन मिल सकते हैं। आपके भाई-बहनों को भी इस गोचर का लाभ मिलेगा। जीवनसाथी द्वारा किए गए प्रयास सफल होंगे।
*वृषभ*
*गुरु आपकी राशि से छठे भाव में गोचर करेगा।* स्वास्थ्य में गिरावट आने से कई समस्याएं हो सकती हैं। पुरानी बीमारी से परेशानी हो सकती है। ऐसे में अपना रूटीन चेकअप करवाते रहें। यदि वज़न पर नियंत्रण नहीं रखा तो मोटापा बढ़ सकता है। सफलता पाने के लिए कड़ी मेहनत और संघर्ष करने की ज़रूरत है। कार्यस्थल पर सीनियर्स या फिर घर में बड़े भाई-बहनों से लड़ाई हो सकती है इसलिए विवाद से बचने के लिए बहस करने से बचें। ख़र्च में बढ़ोत्तरी की संभावना है। बैंक लोन से मुक्ति मिल सकती है। निरंतर प्रयास से आय में वृद्धि होगी और आपकी आर्थिक स्थिति मज़बूत होगी।
*मिथुन*
*गुरु आपकी राशि से पांचवें भाव* में गोचर करेगा। इस बीच आपके व्यावसायिक जीवन में कई बदलाव आएंगे। पुरानी जॉब से खुश न होने के कारण आप नई जगह पर जा सकते हैं। इस गोचर के प्रभाव से आपको बेहतर अवसर प्रदान होंगे। निजी संबंधों में शांति, सुख व प्यार ही प्यार रहेगा। इस बीच इस राशि के प्रेमी परिणय सूत्र में बंध सकते हैं। शादीशुदा हैं तो आपके बच्चों के लिए ये समय काफी शुभ रहेगा। छात्रों के लिए भी ये समय बढ़िया है। वो अपनी पढ़ाई आदि में बेहतर प्रदर्शन कर पाएंगे। भाग्य का साथ मिलेगा और सफलता हासिल होगी। दौलत, शोहरत व प्रसिद्धि के लिए आप जो भी कार्य करेंगे, उसमें सफल होंगे। आर्थिक लिहाज़ से भी ये समय लाभकारी रहने वाला है। पार्टनर को उसके काम में प्रशंसा मिलेगी। मित्रों की संख्या में वृद्धि होगी।
*कर्क*
*गुरु आपकी राशि से चतुर्थ भाव* में गोचर करेगा। इस गोचर से निजी जीवन में शांति व सद्भाव बना रहेगा। घर पर अच्छा समय बिताएंगे और इस पूरे गोचर काल में संतुष्टि का अनुभव करेंगे। प्रबंधन व उच्च अधिकारियों की सलाह के अनुसार कार्य कर पाएंगे जिससे आप प्रशंसा के हकदार होंगे। पिता की सेहत में गिरावट आ सकती है इसलिए चेकअप करवाते रहें। अपने बुजुर्गों के साथ रहने का मौका मिल सकता है। ज़मीन से संबंधित कुछ विवाद हो सकते हैं लेकिन गुरु की कृपा व बुद्धि के आधार पर आप इस बाज़ी को जीत लेंगे। धार्मिक कार्यों की ओर रुझान बढ़ सकता है। आपके धार्मिक विचारों को लोगों द्वारा सराहा जाएगा। अपने से बड़ों का सहयोग प्राप्त होगा। पारिवारिक सुख की प्राप्ति होगी।
*सिंह*
*गुरु आपकी राशि से तीसरे भाव* में प्रवेश करेगा। गुरु आपके पंचम व अष्टम भाव का स्वामी है। ये गोचर काल आपको जोश व उत्सुकता से भर देगा जिससे आप सफलता प्राप्त करेंगे। आलस को त्यागकर काम में ध्यान लगाने की ज़रूरत है ऐसा करने से आप लक्ष्य को हासिल कर पाएंगे। भाई-बहन को इस बीच किसी प्रकार की हानि उठानी पड़ सकती है। प्रेम संबंध पहले से ज्यादा बेहतर होंगे। किसी नए रिश्ते का आगमन भी हो सकता है। पिता की सेहत का ख्याल रखें। आपके द्वारा किए गए प्रयास सफल होंगे। पैतृक संपत्ति से लाभ मिलने के योग हैं। आर्थिक स्थिति मज़बूत होगी। कुल मिलाकर ये समय आपके लिए तरक्की व खुशहाली लेकर आएगा।
    Grahraj Astrology
*कन्या*
*गुरु आपकी राशि से दूसरे भाव* में गोचर करेगा। इस दौरान घर में किसी समारोह का आयोजन हो सकता है। परिवार में शादी या जन्म से किसी नए व्यक्ति का प्रवेश हो सकता है। बातों में थोड़ी गंभीरता आएगी और अपनी बातचीत से दूसरों को प्रभावित कर सकेंगे। इस दौरान आपके द्वारा किए गए कुछ आकलन संभवतः सच हो सकते हैं। प्रॉपर्टी से लाभ मिल सकता है फिर चाहे वो किराए के रूप में या किसी और प्रकार से। परिवार की भूमिका बेहद अहम होगी। जीवनसाथी को स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां हो सकती हैं। यदि वे कार्यरत हैं तो ये समय उनके लिए कई उपलब्धियाँ लेकर आने वाला है। व्यवसायियों को भी कई प्रकार के लाभ प्राप्त होंगे। परिवार व समाज में आपका नाम आदर के साथ लिया जाएगा। थोड़ी बहुत स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां हो सकती हैं। संतुलित आहार खाएं व मीठे से परहेज करें।
*तुला*
*बृहस्पति देव आपकी राशि से ही गोचर करेंगे और प्रथम भाव* में स्थित होंगे। इस दौरान आप ऊर्जावान महसूस करेंगे, साथ ही ज़िंदगी को काफी सकारात्मक नज़रिए से लेने लग जाएंगे। भाई-बंधुओं से सहयोग मिलेगा। चुनौतियों का डट कर सामना करेंगे व अपनी सूझबूझ से लक्ष्य को हासिल कर लेंगे। सेहत में अनदेखी करने से आप मोटापे के शिकार हो सकते हैं। आपकी गिनती बुद्धिमान लोगों में होगी और आपका सामाजिक स्तर बढ़ेगा। वैवाहिक संबंध भी मज़बूत होंगे। यदि कोई प्रॉब्लम पहले से चल रही है तो वो भी इस दौरान दूर हो जाएगी। बच्चे अच्छा प्रदर्शन करेंगे और आदर व सत्कार के साथ बड़े-बुजुर्गों से पेश आएंगे। छात्र पढ़ाई पर ज्यादा ध्यान केंद्रित कर सकेंगे। यदि आपके पिता किसी पुरानी बीमारी से पीड़ित हैं तो उन्हें स्वास्थ्य लाभ मिल सकता है। परोपकारी कार्यों में मन लगेगा और वेतन में बढ़ोत्तरी होगी।
*वृश्चिक*
*गुरु आपकी राशि से बारहवें भाव* में गोचर करेगा। इस अवधि में आप परोपकारी कार्यों में अच्छी रक़म ख़र्च कर सकते हैं। धार्मिक कार्यों में काफी मन लगेगा। शादीशुदा हैं तो आपके बच्चों को पढ़ाई के लिए विदेश जाने का मौका मिल सकता है। घरेलू ज़िंदगी में शांति व सौहार्द की भावना बनी रहेगी। जीवनसाथी को सेहत से संबंधित कुछ समस्याएं हो सकती हैं जैसे वज़न का बढ़ना आदि। लोन लेने की कोशिश कर रहे हैं तो इस दौरान बात बन सकती है। इसके अलावा पुराने कर्ज़ को चुकाने में भी कामयाब हो जाएंगे। प्रतिरोधक क्षमता के बढ़ने से सेहत पहले से अच्छी होगी। पैसों का निवेश कर सकते हैं। हवाई यात्रा का प्लान बना सकते हैं लेकिन ख़र्चों पर काबू रखें। मां की तबियत पहले से अच्छी रहेगी। छात्रों के लिए भी यह समय काफी उत्तम है। पुराने घर में मरम्मत करवा सकते हैं। घर में यज्ञ का आयोजन भी हो सकता है। मुनाफ़े के लिए अपनी प्रॉपर्टी को किराए पर भी दे सकते हैं।
      Grahraj Astrology
*धन*
*गुरु आपकी राशि से ग्यारहवें भाव* में गोचर करेगा। बृहस्पति आपकी राशि और चतुर्थ भाव का स्वामी है। गोचर की इस अवधि में आय के स्रोत खुलेंगे और जीवन में संपन्नता आएगी। कार्यों में लगातार व्यस्त रहने के कारण घर पर समय नहीं दे पाएंगे। समाज में एक इज्जतदार व ज्ञानी मनुष्य होने की वज़ह से भी आपको कई लाभ होंगे। बड़े भाई-बहनों के लिए कुछ मुश्किलें हो सकती हैं लेकिन अपने से छोटे भाई-बहनों के लिए समय उत्तम है। दोस्तों व रिश्तेदारों का साथ पसंद करेंगे। बृहस्पति का शुभ प्रभाव आपके बच्चों की भी ज़िंदगी पर पड़ेगा। यदि प्रेम प्रसंग चल रहा है तो इस दौरान लव मैरिज के योग भी बन रहे हैं। छात्रों का ध्यान पढ़ाई पर ज्यादा केंद्रित रहेगा। बड़े बुज़ुर्गों से ज्ञान मिलेगा और आप वैवाहिक जीवन का आनंद उठाएंगे।
*मकर*
*गुरु आपकी राशि से दसवें भाव* में गोचर करने वाला है। प्रोफेशन के लिहाज़ से ये गोचर आपके लिए काफी शुभकारी है। इस दौरान सभी लक्ष्य पूर्ण होंगे और कार्य क्षेत्र में एक नया मुक़ाम हासिल होगा। हॉबी को पैशन बनाने वालों के लिए भी यह समय अच्छा है। काम में रूचि व लगन दिखाई देगी जिसका परिणाम भी अच्छा होगा। कार्य क्षेत्र में भाई-बहन का साथ भी मिल सकता है। विदेशी कंपनियों के साथ किया गया समझौता मुनाफ़ा दिला सकता है। यदि जॉब बदलना चाहेंगे तो कई अवसर प्राप्त हो सकते हैं। प्रोफेशनल के अलावा आपकी पर्सनल लाइफ में भी सुधार आएगा।
*कुंभ*
*गुरु आपकी राशि से नवम भाव* में गोचर कर रहा है। इसमें कोई शक नहीं कि गुरु का ये गोचर आपके लिए मंगलकारी है। यात्रा के योग हैं जिससे कई फायदे होंगे। धार्मिक अनुष्ठान व परोपकार में ज़्यादा मन लगेगा, ज़रूरतमंदों की मदद करेंगे। प्रशंसा के हकदार होंगे। शिक्षकों, वरिष्ठ अधिकारियों का सहयोग मिलेगा। सेहत में सुधार आएगा और मन को शांति मिलेगी। परिवार के लोगों को भी इस गोचर से लाभ प्राप्त होगा। निज़ी संबंधों में मज़बूती आएगी और आप एक-दूसरे के प्रति सम्मान व प्रेम प्रकट करेंगे। गोचर के प्रभाव से जीवनसाथी की आय में वृद्धि हो सकती है। किसी धार्मिक स्थल पर घूमने जाने का प्लान बना सकते हैं।
*मीन*
*बृहस्पति देव आपकी राशि से आठवें भाव* में गोचर करेगा। इस दौरान जीवन में कई बदलाव देखने को मिलेंगे। सेहत ढ़ीली पड़ सकती है। ख़र्चे आसमां को छू सकते हैं इसलिए शुरुआत से ही अपने ख़र्चों पर संयम रखें। पिता को आर्थिक रूप से हानि हो सकती है। व्यावसायिक जीवन में सफलता हासिल होगी। हो सकता है कि इस दौरान आप अपना जॉब बदल लें। विज्ञान, ज्योतिषास्त्र व आध्यात्म की ओर झुकाव रहेगा। ऑफिस में सीनियर्स द्वारा प्रशंसा थोड़ी कम हो सकती है। घर से दूर रहने के आसार नज़र आ रहे हैं, हो सकता है कि आपका ट्रांसफर हो जाए। ससुराल में कोई कार्यक्रम हो सकता है। भाषा में मिठास आएगी। खान-पान का ख्याल रखें और मिर्च-मसाले व मीठे आदि से परहेज करें।

*हम आशा करते हैं कि गुरु के प्रभाव से आपके जीवन में खुशहाली और समृद्धि आए।*

 *सुखद भविष्य की शुभकामनाएं।*

सुचना 📵यह लेख पौराणिक ग्रंथों अथवा मान्यताओं पर आधारित है अत: इसमें वर्णित सामग्री के वैज्ञानिक प्रमाण होने का आश्वासन नहीं दिया जा सकता। विस्तार में देखें कार्यालय का संपर्क करें।

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         शास्त्री  एच एच राजगुरू
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