⚜श्रीहरि:पमानंदम्⚜
*॥ग्रहराजविचार॥*
*परोपकाराय फलन्ति वृक्षाः परोपकाराय वहन्ति नद्यः ।*
*परोपकाराय दुहन्ति गावः परोपकारार्थ मिदं शरीरम् ॥*
परोपकार के लिए वृक्ष फल देते हैं, नदीयाँ परोपकार के लिए ही बहती हैं और गाय परोपकार के लिए दूध देती हैं, (अर्थात्) यह शरीर भी परोपकार के लिए ही है .
*~ग्रहराज एस्ट्रोलोझी*
॥हरिॐतत्सत्॥
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