Friday, 19 April 2024

श्रीशनिरक्षास्तवः

*🙏🏻श्रीशनिरक्षास्तवः🙏🏻*


*यह पाठ शनि देव के प्रकोप को शांत करता है और साढ़ेसाती या ढैय्या जैसी दशा के समय इस पाठ से कष्ट की अनुभूति नहीं होती है,*

 बल्कि शनिदेव की प्रसन्नता और कृपा प्राप्त होती है। 

*हर शनिवार के दिन अथवा शनि जयंती को इस पाठ को पढ़ने से जीवन में सुख-शांति मिलती है।*

*श्रीशनिरक्षास्तवः*


॥ पूर्वपीठिका ॥

श्रीनारद उवाच ।
ध्यात्वा गणपतिं राजा धर्मराजो युधिष्ठिरः ।
धीरः शनैश्चरस्येमं चकार स्तवमुत्तमम् ॥ 

*॥ मूलपाठः ॥*

॥ विनियोगः ॥

ॐ अस्य श्रीशनिस्तवराजस्य सिन्धुद्वीप ऋषिः । गायत्री छन्दः ।
श्रीशनैश्चर देवता । श्रीशनैश्चरप्रीत्यर्थे पाठे विनियोगः ॥ 

॥ ऋष्यादिन्यासः ॥

शिरसि सिन्धुद्वीपर्षये नमः । मुखे गायत्रीछन्दसे नमः ।
हृदि श्रीशनैश्चरदेवतायै नमः ।
सर्वाङ्गे श्रीशनैश्चरप्रीत्यर्थे विनियोगाय नमः ॥ 

॥ स्तवः ॥

शिरो मे भास्करिः पातु भालं छायासुतोऽवतु ।
कोटराक्षो दृशौ पातु शिखिकण्ठनिभः श्रुती ॥ 
घ्राणं मे भीषणः पातु मुखं बलिमुखोऽवतु ।
स्कन्धौ संवर्तकः पातु भुजो मे भयदोऽवतु ॥ 
सौरिर्मे हृदयं पातु नाभिं शनैश्चरोऽवतु ।
ग्रहराजः कटिं पातु सर्वतो रविनन्दनः ॥ 
पादौ मन्दगतिः पातु कृष्णः पात्वखिलं वपुः ॥ 

॥ फलश्रुतिः ॥

रक्षामेतां पठेन्नित्यं सौरेर्नामाबलैर्युतम् ।
सुखी पुत्री चिरायुश्च स भवेन्नात्र संशयः ॥ 

*॥  इति श्रीशनिरक्षास्तवः ॥*

सुचना 📵यह लेख पौराणिक ग्रंथों अथवा मान्यताओं पर आधारित है अत: इसमें वर्णित सामग्री के वैज्ञानिक प्रमाण होने का आश्वासन नहीं दिया जा सकता। विस्तार में आप कार्यालय पर संपर्क करें।


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