Friday, 16 September 2016

श्रद्धा कि भावना श्राद्ध

॥ग्रहराज श्रद्धा और श्राद्ध॥

श्राद्ध श्रद्धा शब्द से बना है

श्रद्धापूर्वक किये गये कर्म को श्राद्ध कहते है. पित्तरों का श्राद्ध करने से कुछ लाभ है अथवा नहीं इसका उत्तर है कि लाभ है अवश्य है और यह लाभ श्राद्ध करने वाले को अत्यधिक तथा पित्तरों को उसका सूक्ष्म अंश मिलता है

जिससे वह अत्यधिक शक्ति, प्रसन्नता एवं सन्तोष का अनुभव करते हैं क्योंकि इस संसार में प्रत्येक जीव या आत्मा किसी ना किसी रूप में विद्यमान अवश्य रहती है.

श्राद्ध के समय पित्तरों के द्वारा जो हमारे ऊपर उपकार हुये है उनका स्मरण करके उनके प्रति अपनी श्रद्धा एवं भावना जरूर व्यक्त करनी चाहिये.

(श्रद्धावान् क्रियते सश्राद्धः)
-श्रद्धासे किया हुवा कमॅ को श्राद्ध कहते है.
*क्रमशः*

   ॥ग्रहराज ज्योतिष कार्यालय॥
   छाया चोक्की, रोनक कोम्प्लेक्ष
           पोरबंदर- गुजरात
        +919727972119
     ज्योतिष-वास्तु-धामिॅकपुजा
Hitu9grahgochar@gmail.com

          ॥हरिॐतत्सत्॥

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