क्यूँ श्राद्ध करना जरुरी है?
॥ग्रहराज ज्योतिष कार्यालय॥
॥ पितृ एवं ऋषि ऋण के विषय में एक पारिवारिक साध्य विचार ॥
ऋषि ऋण के विषय में भी लिखना आवश्यक है.
जिस ऋषि के गोत्र में हम जन्में हैं, उसी का तर्पण करने से हम वंचित रह जाते हैं.
हम लोग अपने गोत्र को भूल चुके हैं.
हमारे पूर्वजों की इतनी उपेक्षा से उनका श्राप हमें पीढ़ी दर पीढ़ी परेशान करेगा.
इसमें कभी संदेह नहीं करना चाहिए.
जो लोग इन ऋणों से मुक्त होने के लिए उपाय करते हैं, वे प्रायः अपने जीवन के हर क्षेत्र में सफल हो जाते हैं.
परिवार में ऋण नहीं है, रोग नहीं है, गृह क्लेश नहीं है, पत्नी-पति के विचारों में प्रमाणिक्ता व एकरूपता है संताने माता-पिता का सम्मान करती हैं.
परिवार के सभी लोग परस्पर मिल जुल कर प्रेम से रहते हैं.
अपने सुख-दुख बांटते हैं.
अपने अनुभव एक-दूसरे को बताते हैं.
ऐसा परिवार ही सुखी परिवार होता है.
दूसरी ओर, कोई-कोई परिवार तो इतना शापित होता है कि उसके मनहूस परिवार की संज्ञा दी जाती है.
सारे के सारे सदस्य तीर्थ यात्रा पर जाते हैं अथवा कहीं सैर सपाटे पर भ्रमण के लिए निकल जाते हैं और गाड़ी की दुर्घटना में सभी एक साथ मृत्यु को प्राप्त करते हैं.
पीछे बच जाता है परिवार का कोई एक सदस्य समस्त जीवन उनका शोक मनाने के लिए.
इस प्रकार पूरा का पूरा वंश ही शापित होता है.
इस प्रकार के लोग कारण तलाशते हैं.
जब सुखी थे तब न जाने किस-किस का हिस्सा हड़प लिया था.
किस की संपत्ति पर अधिकार जमा लिया था.
किसी निर्धन कमजोर पड़ोसी को दुख दिया था अथवा अपने वृद्धि माता-पिता की अवहेलना और दुर्दशा भी की और उसकी आत्मा से आह निकलती रही कि जा तेरा वंश ही समाप्त हो जाए.
कोई पानी देने वाला भी न रहे तेरे वंश में.
अतएव अपने सुखी जीवन में भी मनुष्य को डर कर चलना चाहिए.
मनुष्य को पितृ ऋण ऋषि ऋण उतारने का सतत प्रयास करना चाहिए.
जिस परिवार में कोई दुखी होकर आत्महत्या करता है या उसे आत्महत्या के लिए विवश किया जाता है तो इस परिवार का बाद में क्या हाल होगा? इस पर विचार करें.
आत्महत्या करना सरल नहीं है, अपने जीवन को कोई यूं ही तो नहीं मिटा देता, उसकी आत्मा तो वहीं भटकेगी.
वह आप को कैसे चैन से सोने देगी, थोड़ा विचार करें.
किसी कन्या का अथवा स्त्री का बलात्कार किया जाए तो वह आप को श्राप क्यों न देगी, इस पर विचार करें.
वह यदि आत्महत्या करती है, तो कसूर किसका है.
उसकी आत्मा पूरे वंश को श्राप देगी. वो आत्मा के श्राप से बचना सहज नहीं है.
आपके वंश को इसे भुगतना ही पड़ेगा, यही प्रेत बाधा दोष व यही पितृ दोष है.
इसे समझें और श्रद्धा से भावसे श्राद्ध कमॅ करे.
* प्रेतदोष - प्रेतऋण दोष
* श्रापित प्रेतदोष
* मिलन प्रेतदोष
* छाया मलिन प्रेतबाधा
* पितृ दोष - गौत्र का
* पितृ ऋण श्रापित दोष
* मांगल्य अतृप्तजीव पितृ दोष
* पशु-पक्षी एवं अन्य जीवआत्मा का श्राप
* बाल्य अवस्था मे मुत्यु या भ्रूण हत्या दोष
श्राद्ध पक्ष मे अवश्य यथा योग्य उशके प्रति सद्भावना से सद् कमॅ करे.
॥ग्रहराज ज्योतिष कार्यालय॥
छाया चोक्की, रोनक कोम्प्लेक्ष
पोरबंदर -गुजरात
+919727972119
एच . एच . राजगुरु
ज्योतिष-वास्तु-धामिॅकपुजा
हरिॐतत्सत्
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