Friday, 14 December 2018

।।श्री व्यासतीर्थविरचितम् श्रीहनुमत्स्तोत्रम्।।

श्रीहनुमत्स्तोत्रम् व्यासतीर्थविरचितम्

नमामि दूतं रामस्य सुखदं च सुरद्रुमम् । पीनवृत्तमहाबाहुं सर्वशत्रुनिबर्हणम् ॥ १॥

नानारत्नसमायुक्तकुण्डलादिविभूषितम् । सर्वदाभीष्टदातारं सतां वै दृढमाहवे ॥ २॥

वासिनं चक्रतीर्थस्य दक्षिणस्थगिरौ सदा । तुङ्गाम्भोधितरङ्गस्य वातेन परिशोभिते ॥ ३॥

नानादेशागतैः सद्भिः सेव्यमानं नृपोत्तमैः । धूपदीपादिनैवेद्यैः पञ्चखाद्यैश्च शक्तितः ॥ ४॥

भजामि श्रीहनूमन्तं हेमकान्तिसमप्रभम् । व्यासतीर्थयतीन्द्रेण पूजितं प्रणिधानतः ॥ ५॥

त्रिवारं यः पठेन्नित्यं स्तोत्रं भक्त्या द्विजोत्तमः । वांछितं लभतेऽभीष्टं षण्मासाभ्यन्तरे खलु ॥ ६॥

पुत्रार्थी लभते पुत्रं यशोऽर्थी लभते यशः । विद्यार्थी लभते विद्यां धनार्थी लभते धनम् ॥ ७॥

सर्वथा मास्तु सन्देहो हरिः साक्षी जगत्पतिः ।
यः करोत्यत्र सन्देहं स याति निरयं ध्रुवम् ॥ ८॥

इति श्रीव्यासतीर्थविरचितम् हनुमत्स्तोत्रं सम्पूर्णम् ।

सुचना 📵यह लेख पौराणिक ग्रंथों अथवा मान्यताओं पर आधारित है अत: इसमें वर्णित सामग्री के वैज्ञानिक प्रमाण होने का आश्वासन नहीं दिया जा सकता। विस्तार में आप कार्यालय पर संपर्क करें।

   *📜ग्रहराज ज्योतिष कार्यालय📜*
       छाया चोक्की रोनक कोम्प्लेक्ष 
               पोरबंदर-गुजरात

            रविवार एवं सोमवार
               9727972119
         शास्त्री  एच एच राजगुरू
    *ज्योतिष-वास्तु-धार्मिकपुजा*

https://www.facebook.com/grahraj.astrology/

https://grahraj.blogspot.in/

https://www.youtube.com/results?search_query=grahraj+jyotish

https://twitter.com/grah_raj

hitu9grahgochar@gmail.com

मुलाकात के लिए पहले फोन पर Rg.  करवा ना जरुरि है।
       *🙏🏻 हरि: ॐ तत्सत् 🙏🏻*

No comments:

Post a Comment