शुक्र ग्रह के शान्ति के उपाय-
वैदिक मंत्र - ॐ अन्नात्परिस्रुतो रसं ब्रह्मणा क्षत्रं पयः सोमं प्रजापति। ऋतेन सत्यमिन्द्रियं वियान ℧ शुक्रमन्धस इन्द्रस्येन्द्रियमिदं पयोऽमृतं मधु।।
पौराणिक मंत्र - ॐ हिम कुन्द मृणालाभं दैत्यानां परमं गुरूम् सर्व शास्त्रप्रवक्तारं भार्गवं प्रणमाम्यहम्।
तन्त्रोक्त मंत्र - ॐ द्रां, द्रीं दौं सः शुक्राय नमः।
जप संख्या – 16000। × 4 =
शुक्र गायत्री मंत्र - ॐ भृगुराजाय विद्महे दिव्य देहाय धीमहि तन्नो शुक्र प्रचोदयात्।।
दान की वस्तुएं- चांदी चावल, सुवर्ण, दूध, दही, श्वेत वस्त्र, श्वेत घोड़ा, श्वेत पुष्प, श्वेत फल, सुगन्धित पदार्थ, दक्षिणा।
रत्न - शुक्र ग्रह हेतु हीरा धारण किया जाता है।
अन्य उपाय - शुक्रवार का व्रत धारण करना चाहिए। कुष्ट रोगियों को शुक्रवार के दिन खिचड़ी खिलाना शुभ होता है। शुक्रवार को माता संतोषी की पूजा कर श्वेत चन्दन का तिलक लगायें।
सुचना 📵यह लेख पौराणिक ग्रंथों अथवा मान्यताओं पर आधारित है अत: इसमें वर्णित सामग्री के वैज्ञानिक प्रमाण होने का आश्वासन नहीं दिया जा सकता। विस्तार में आप कार्यालय पर संपर्क करें।
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